गुरुवार, 10 जनवरी 2008

साधू और शैतान में क्या फर्क होता है?

संतन के हित रहत है सब के हित की बात।

घट-घट देखें अलख को,पूछें जाति ना पाति॥





आज साधू कौन है और शैतान कौन है? इसे पहचानना बहुत कठिन हो चुका है। कारण साफ है,क्योंकि आज शैतान ने साधू का मुखोटा लगा रखा है।ऐसे में कोई भी धोखा खा सकता है। आज साधू को पहचानना भी मुश्किल है क्योंकि वह बहुत कम हो चुके हैं। ऐसे में साधू और शैतान को परखनें के कुछ आधार हैं।

१. साधू अपनी बात को कहता है उसे आप माने या ना मानें यह आप पर छोड़ देता है और शैतान अपनी बात कह कर उसे मनवाना चाहता है,साम,दाम दंड,भेद की मदद से।



२. शैतान स्वार्थ को लेकर आपके पास आता है,जबकि साधू निस्वार्थी भाव से।