कबीर जीअ जु मारहि जोरु करि कहते हहि जु हलालु॥
दफतर बही जब काडि है होइगा कऊनु हवालु॥१९९॥
कबीर जी कहते हैं कि जो लोग जीवों के साथ जोर जबरदस्ती करते हैं और उन्हें मार कर कहते ही कि हमनें इस जीव को हलाल किया है अर्थात इस जीव को मार कर इसी का भला किया है।क्योकि इसे ईश्वर के नाम पर मारा गया है।लेकिन कबीर जी कहते हैं कि तेरे इस कृत्य का फल तुझे जरूर भुगतना पड़ेगा।जब वह ऊपर वाला अपने बही खाते मे तेरे इस कृत्य को देखेगा।उस समय तेरे इस कर्मफल से कौन बचाएगा।
कबीर जी कहना चाहते हैं कि हमारे प्रत्येक कर्म का हिसाब-किताब हमे ही देना पड़ेगा। भले ही हम परमात्मा के नाम का सहारा लेकर यह कहे की हमारे द्वारा दी गयी कुर्बानी जायज़ है।
कबीर जोरु कीआ सो जुलमु है लेइ जवाबु खुदाइ॥
दफतरि लेखा नीकसै मार मुहै मुहि खाइ॥२००॥
कबीर जी इसी बारे मे आगे कहते हैं कि इस तरह के कृत्य भले ही कोई हलाल माने लेकिन यह एक तरह का जुल्म ही है। इस काम का हिसाब खुदा तुझ से जरूर माँगेगा। कबीर जी कहते हैं कि जब तेरे खाते में तेरे इन कर्मों को खुदा देखेगा तो तुझे इस की सजा जरूर मिलेगी।
कबीर जी कहना चाहते हैं कि हमारे द्वारा किये गये पाप भले ही वह परमात्मा के नाम का सहारा लेकर किये हो।लेकिन इन पाप कर्मों की सजा जरूर भुगतनी पड़ती हैं। वा्स्तव मे कबीर जी विभिन्न धर्मों व संप्रदायों में इस प्रकार की भ्रांतियों का विरोध कर रहे हैं जो धर्म के नाम पर तो की जाती हैं लेकिन जिस से दूसरे जीवों को कष्ट पहुँचता है।
दफतर बही जब काडि है होइगा कऊनु हवालु॥१९९॥
कबीर जी कहते हैं कि जो लोग जीवों के साथ जोर जबरदस्ती करते हैं और उन्हें मार कर कहते ही कि हमनें इस जीव को हलाल किया है अर्थात इस जीव को मार कर इसी का भला किया है।क्योकि इसे ईश्वर के नाम पर मारा गया है।लेकिन कबीर जी कहते हैं कि तेरे इस कृत्य का फल तुझे जरूर भुगतना पड़ेगा।जब वह ऊपर वाला अपने बही खाते मे तेरे इस कृत्य को देखेगा।उस समय तेरे इस कर्मफल से कौन बचाएगा।
कबीर जी कहना चाहते हैं कि हमारे प्रत्येक कर्म का हिसाब-किताब हमे ही देना पड़ेगा। भले ही हम परमात्मा के नाम का सहारा लेकर यह कहे की हमारे द्वारा दी गयी कुर्बानी जायज़ है।
कबीर जोरु कीआ सो जुलमु है लेइ जवाबु खुदाइ॥
दफतरि लेखा नीकसै मार मुहै मुहि खाइ॥२००॥
कबीर जी इसी बारे मे आगे कहते हैं कि इस तरह के कृत्य भले ही कोई हलाल माने लेकिन यह एक तरह का जुल्म ही है। इस काम का हिसाब खुदा तुझ से जरूर माँगेगा। कबीर जी कहते हैं कि जब तेरे खाते में तेरे इन कर्मों को खुदा देखेगा तो तुझे इस की सजा जरूर मिलेगी।
कबीर जी कहना चाहते हैं कि हमारे द्वारा किये गये पाप भले ही वह परमात्मा के नाम का सहारा लेकर किये हो।लेकिन इन पाप कर्मों की सजा जरूर भुगतनी पड़ती हैं। वा्स्तव मे कबीर जी विभिन्न धर्मों व संप्रदायों में इस प्रकार की भ्रांतियों का विरोध कर रहे हैं जो धर्म के नाम पर तो की जाती हैं लेकिन जिस से दूसरे जीवों को कष्ट पहुँचता है।