जो सत्य को धार्मिक ग्रंथों में या बाहर खोजते हैं वह सत्य को नही पा सकते। यदि आप को सत्य को तलाशना है तो अपनें भीतर तलाशें। तभी आप उसे पा सकेगें।
आप को कोई भी गुरू सत्य का अनुभव नही दे सकता। अपना अनुभव ही सत्य का दर्शन करा सकता है।आप कभी भी सत्य की परिभाषाएं जान कर सत्य को नही पा सकते।
ज्ञानी वही है जो अपनें ज्ञान को त्याग कर सत्य की ओर बढ़ता है।
ज्ञान से कर्मों का नाश हो जाता है।
Systemic Knowledge
2 घंटे पहले
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